मौनी अमावस्या / शिप्रा नदी के तट पर श्रद्धालुओं का उमड़ा हुजूम, कई भक्तों ने मौन व्रत रख लगाई आस्था की डुबकी

शुक्रवार को मौनी अमावस्या पर उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। रामघाट सहित अन्य घाटों पर देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु देर रात से ही स्नान के लिए नदी में उतरे और आस्था की डुबकी लगाई। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यहां आए कई श्रद्धालुओं ने मौन व्रत रख पितरों की आत्म शांति के लिए पूजन भी करवाया। किसी ने दीपदान कर सूर्य को अर्ध्य भी दिया।


राम घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान व पूजन के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। महिला श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम बनाए गए थे तो वहीं असामाजिक तत्वों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही थी। सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ में अधिक संख्या में बल लगाया गया था। घाटों पर साफ-सफाई के भी विशेष प्रबंध किए गए थे। हालांकि मौनी अमावस पर श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर आए नर्मदा के जल से ही स्नान किया। मकर संक्रांति के बाद शिप्रा का पानी नहीं बदला गया है। संभावना है शिप्रा में नर्मदा का पानी अब महाशिवरात्रि (21 फरवरी) के स्नान के लिए ही आएगा। बता दें कि शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहता है, इस प्रकार 12 राशियों में 30 साल तक भ्रमण करता है। ऐसे में शुक्रवार को 30 साल बाद शनि ने अपनी मूल राशि मकर में प्रवेश किया, जो कि सभी राशियों के लिए शुभ संकेत है।



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